2026 में पैसे बचाने के 10 स्मार्ट तरीके – महंगाई में बचत का आसान फॉर्मूला

आज के दौर में अगर आप ₹50 हजार सैलरी भी लेकर कहीं जॉब कर रहे हैं तो भी आप उस सैलरी से अपना खर्च पूरी तरह से नहीं निकाल पा रहे होंगे। साल दर साल महंगाई बढ़ती ही जा रही है लेकिन आपकी सैलरी वहीं पर अटकी हुई है। अगर कंपनी आपको इंक्रीमेंट देती भी है तो वह 5% या फिर 10% तक ही रहता है। यानी कि सैलरी बढ़ाने के बावजूद भी आप अपने खर्चों को पूरी तरीके से पूरा नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में हम आपको 10 ऐसे तरीके बताएंगे जिनका उपयोग करके आप कम सैलरी में भी सेविंग कर सकते हो।

1. महीने का बजट पहले ही बना लें

आपके साथ भी ऐसा जरूर होता होगा, जैसे ही सैलरी अकाउंट में आती है और सैलरी दो-चार दिन में ही पूरी तरह खत्म हो जाती है और आप सोचते रह जाते हैं कि सैलरी का सारा पैसा आखिर गया कहाँ? इसका जवाब है — अपनी सैलरी को बिना प्लान के खर्च करना। अगर आप महीने की शुरुआत में ही बजट बना लें, तो हर खर्च पर कंट्रोल किया जा सकता है। एक बजट डायरी या बजट ऐप में जरूरी चीजों का अनुमान लिखें की कितना पैसा कहां खर्च किया, उदाहरण के लिए जैसे किराया, बिजली बिल, राशन आदि। पैसे की बचत का कॉलम पहले बनाये। जब आप खुद के खर्चा को एक लिमिट में रखेंगे, तो यह एक बड़ी सेविंग में बदल जाएंगे। अपने खर्चों का बजट बनाना पैसे से दोस्ती करने जैसा है।

2. 50-30-20 नियम अपनाएं

अगर आप पैसे बचाकर उनकी सेविंग करने के लिए एक बिल्कुल आसान फॉर्मूला ढूंढ रहे हैं, तो 50-30-20 रूल आपके लिए है। अपनी इनकम का 50% ज़रूरी खर्चों में प्रयोग करें, 30% अपने शौक पूरे करने में और 20% सेविंग्स और निवेश करने के लिए रखें। इससे न सिर्फ आपकी लाइफ बैलेंस में रहती है, बल्कि guilt-free खर्च की भी आज़ादी मिलती है। जैसे अगर आप किसी तरह का शौक, किसी चीज या ट्रिप पर खर्च कर रहे हैं, तो मन में चिंता नहीं रहेगी कि सेविंग नहीं हो रही है। ये नियम एक फ्रेंड जैसा है — जो खर्च भी करवाता है और भविष्य का ख्याल भी रखता है।

3. UPI और कार्ड का इस्तेमाल सोच-समझकर करें

आपके दौर में डिजिटल पेमेंट ने ज़िंदगी बहुत आसान कर दी है, लेकिन क्या आपने नोटिस किया है कि आप ज्यादा खर्च तभी करते हैं जब डिजिटल पेमेंट जैसे कि गूगल पे, फोनपे, पेटीएम आदि से होता है? ₹100 से ₹200 की छोटी-छोटी चीज़ें, जो हमें बिल्कुल महसूस भी नहीं होतीं, महीने के आखिर में ₹3000-₹4000 से ज्यादा हो जाती हैं। UPI और कार्ड से खर्च करते वक्त हमेशा सतर्क रहें और जहां ज्यादा जरूरत हो वही खर्च करें। कैश से खर्च करने पर हमें पैसा जाने का एहसास होता है, जिससे हमारी फिजूलखर्ची रुक जाती है। आप चाहें तो हफ्तेभर का खर्च निकालकर अलग रखें और उसी से चलें। इससे सेविंग धीरे-धीरे, लेकिन पक्की होगी।

4. EMI से बचें – जहाँ जरूरी न हो

EMI से पेमेंट करना बहुत ही आसान और अच्छा लगता है, खासकर तब जब आप कोई महंगी चीज जैसे बाइक, फ्रिज, टीवी और मोबाइल आदि लेते हो। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि हर महीने EMI देना, मतलब हर महीने आपकी सेविंग को काट कर देना है। EMI पर चीजों को खरीदने की आदत आपको कर्ज़ की लत में डाल सकती है। EMI से बेहतर है कि पहले थोड़ी-थोड़ी रकम जोड़ें और फिर खरीदें। जब आप खुद की सेविंग से कुछ भी खरीदते हैं, तो उसकी खुशी भी अलग ही होती है। EMI कोई भी चीज तभी लें जब वो चीज वाकई ज़रूरी हो — वरना आज ली हुई चीज़ कल आप पर बोझ बन सकती है।

5. Monthly Subscriptions की समीक्षा करें

कुकू एफएम नेटफ्लिक्स और मार्केट में ऐसे के ही ऐप्स है, जिनको देखे बिना महीनों बीत जाते हैं, लेकिन सब्सक्रिप्शन हर महीने कटता रहता है, मतलब की बहुत सारी ऐसी एप्स है जिनका आपके Phonepe , Google Pay और Paytm में Autopay लग जाता है और हर महीने आपका पैसा कटता रहता है। यही हाल gym, music apps, और OTT का है। जरा एक बार सोच कर देखिए अगर ₹499 के 3 सब्सक्रिप्शन आपने अनजाने में ले रखे हैं, तो ₹1500 हर महीने बिना मतलब खर्च हो रहे हैं। महीने के शुरू में अपने सभी सब्सक्रिप्शन और Autopay चेक करें। जो यूज़ नहीं हो रहे, उन्हें तुरंत कैंसिल करें। अगर परिवार में कोई और इन एप्स या OTT का उपयोग कर रहा है तो family plan लें। ये छोटे कदम दिखने में छोटे लगते हैं, लेकिन साल भर में आपका हज़ारों रुपये बचा सकते हैं।

6. स्मार्ट ग्रॉसरी शॉपिंग करें

2 मिनट सोचो और सच बताओ सबसे ज्यादा खर्च कहां होता है ? जवाब है — किराने को खरीदने पर। जब हम करियाना लेने के लिए बिना लिस्ट बनाएं दुकान पर जाते हैं, तो ज़रूरत से ज़्यादा चीजें खरीद लेते हैं। क्योंकि हम लोगों को “Buy 1 Get 1” जैसी डील्स लुभाती हैं, जब अगली बार ग्रॉसरी लेने जाएं तो एक लिस्ट तैयार जरूर करें और उसी पर टिके रहें। हमेशा हफ्तेभर का मेन्यू बनाकर चीज़ें खरीदें। कोशिश करें कि लोकल ब्रांड या वॉल्यूम पैक लें। समझदारी से की गई किसी भी तरह की शॉपिंग हर महीने ₹500-₹1000 तक बचा सकती है।

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7. Energy saving से भी होती है बचत

कुछ चीज हमारी डेली लाइफ का रूटीन बन जाती है। जैसे की हम रोज़ लाइट, पंखा, फ्रिज तो चलाते हैं — लेकिन कभी ये नहीं सोचते कि बिजली का बिल कम कैसे हो। Energy-saving appliances जैसे LED बल्ब, inverter AC और auto cut geyser न सिर्फ बिल घटाते हैं, बल्कि सालों तक काम भी देते हैं। बिना किसी मतलब के फ्रिज को बार-बार खोलना या बेवजह पंखा, Ac और कूलर चलाना आपकी जेब पर असर डालता है। छोटे-छोटे आदतें जैसे रात को लाइटों को स्विच ऑफ करना, natural light का इस्तेमाल और सोलर प्रोडक्ट अपनाना, आपके खर्च को कई गुना तक घटा सकते हैं। इस तरह से हर महीने ₹200-₹400 की बिजली बचत से आप सालाना बड़ी रकम बना सकते हैं।

 

8. Second-hand चीज़ें खरीदने से ना हिचकिचाएं

आज की युवा पीढ़ी सेकंड हैंड चीज लेने में बहुत शर्माती है, लेकिन भारत में second-hand चीज़ें लेने को अब शर्म नहीं, समझदारी माना जाता है। अगर आप नया लैपटॉप, फर्नीचर, बाइक जहां किसी भी तरह का सामान खरीदने जा रहे हैं, तो पहले उसे चीज को OLX, Quikr या Facebook Marketplace पर एक बार चेक कर लें। कई लोग सिर्फ 2-3 महीने इस्तेमाल की गई चीज़ें बहुत कम कीमत पर बेच देते हैं। आपको आराम से वही चीज़ 40-70% सस्ते में मिल सकती है। इस तरह आपके द्वारा बचाया गया पैसा किसी और ज़रूरत में काम आ सकता है। पर यह भी जरूरी है कि चीज़ अच्छी कंडीशन में हो और seller भरोसेमंद हो। अगर इस तरह की चीजों पर थोड़ा ध्यान दें, तो बड़ी बचत मुमकिन है।

9. Credit card का इस्तेमाल सतर्कता से करें

Credit card दो धार वाली तलवार की तरह काम करता है अगर इसका सही इस्तेमाल करें तो फायदा, नहीं तो कर्ज़ का जाल बन जाता है। आजकल युवा पीढ़ी और बहुत से लोग ऐसा सोचते हैं कि “बाद में भर देंगे”, लेकिन जब क्रेडिट कार्ड का बिल आता है, तो ब्याज के साथ भारी भरकम रकम चुकानी पड़ती है। अगर किसी चीज की ज्यादा ही जरूरत है तो आप उसे चीज की ज़रूरत को पूरा करने के लिए क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करें, और हर महीने क्रेडिट कार्ड का पूरा बिल समय पर भरें। याद रखें Reward points और cashback के लालच में फालतू खरीदारी न करें। क्रेडिट कार्ड को हमेशा convenience की तरह यूज़ करें, ना कि किसी बुरी लत की तरह नहीं। याद रखें, हर swipe एक कर्ज़ है — जिसे चुकाना आपकी जिम्मेदारी है।

10. छोटी सेविंग्स को नजरअंदाज़ न करें

हर रोज की गई ₹10 की बचत शायद आपको छोटी लगे, लेकिन साल में यही रकम ₹3650 हो जाती है। आपके द्वारा की गई यही छोटी सेविंग्स लंबे समय में इमरजेंसी फंड या छुट्टी की योजना का हिस्सा बन सकती हैं। जब भी आपको कहीं भी मौका मिले – कैशबैक लें, पेट्रोल पॉइंट्स बचाएं, कूपन इस्तेमाल करें। आज ₹5 की बचत को अगर आपने आदत बना लिया, तो कल वही बचत आपके लिए बड़ी राहत बनेगी। बचत करने का मतलब ये नहीं कि आप सब कुछ छोड़ दें, बल्कि हमेशा समझदारी से खर्च करें। हमेशा याद रखें की छोटी सेविंग्स, बड़ी प्लानिंग की शुरुआत होती हैं।

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