JP Power Share 2030 Target: क्या निवेश करना फायदेमंद है?

आज हम बात करने वाले हैं जेपी पावर कंपनी के बारे स्टॉक के टारगेट के बारे में। इस पोस्ट में हम कर करेंगे की इस कंपनी का स्टॉक 2030 तक कितने रुपए तक जा सकता है। और साथ ही साथ इसके फंडामेंटल और balance sheet देखेगे की यह मजबूत है या नहीं।

1. कंपनी का परिचय

जयप्रकाश पावर वेंचर्स लिमिटेड जिसको हम JP Power के नाम से भी जानते हैं यह भारत की एक Leading पावर कंपनी है, जिसकी स्थापना जयप्रकाश एसोसिएट्स की सब्सिडियरी के रूप में हुई थी। इस कंपनी का मुख्य उद्देश्यबहाइड्रोपावर और थर्मल पावर प्लांट्स के विकास और संचालन को बढ़ाना है। कंपनी का एक यूनिट मध्य प्रदेश और दूसरा यूनिट हिमाचल प्रदेश में स्थित है वही से यह पावर प्लांट्स के माध्यम से बिजली का उत्पादन करती है। इसके अलावा यह कंपनी कोयला खनन और ट्रांसमिशन जैसे सहायक क्षेत्रों में भी काम करती है। ग्रीन ऊर्जा के सेक्टर में इस कंपनी की मजबूत पकड़ और इन्फ्रास्ट्रक्चर बेस से इस कंपनी में अच्छी ग्रोथ नजर आ रही है। एक्सपर्ट के मुताबिक भारत में पावर सेक्टर की बढ़ती मांग को देखते हुए, JP Power आने वाले वर्षों में खुद को एक बड़ा खिलाड़ी के रूप में स्थापित करने की क्षमता रखती है।

2. हाल ही में शेयर की चाल कैसी रही है?

पिछले 1 से 3 महीनों के बीच JP Power का शेयर निवेशकों के बीच काफी चर्चा में रहा है। अगर शेयर की चाल की बात करें तो जुलाई 2025 की शुरुआत में शेयर ने 20% से अधिक की तेजी दिखाई है, जिसका प्रमुख कारण ऑर्डर बुक में मजबूती और बाजार में Positive सेंटीमेंट रहा है। हालांकि जुलाई में थोड़ी गिरावट भी देखी गयी जब एक्सचेंज ने शेर की चाल को देखते हुए अनएक्सप्लेन्ड वोल्यूम पर क्लैरिफिकेशन मांगा। लेकिन कंपनी ने अपनी बात एक्सचेंज के सामने रखी और साफ किया कि कोई प्राइस सेंसिटिव जानकारी पब्लिक से छिपाई नहीं गई है। निवेशकों में शेयर को लेकर अभी भी उत्साह बना हुआ है, और छोटे प्रॉफिट बुकिंग की गिरावट के बावजूद भी यह फिर से खुद को रिकवर कर रहा है। यह संकेत देता है कि मार्केट इस स्टॉक को लेकर Positive है।

3. कंपनी के तिमाही नतीजे

JP Power ने अपने Q1 FY26 नतीजों ने मिले जुले संकेत दिए। कंपनी ने कुल ₹1,420 करोड़ की रेवेन्यू ग्रोथ दर्ज की, जो की पिछली तिमाही से लगभग 8% की बढ़त से बढ़ी है। हालांकि, कंपनी का नेट प्रॉफिट ₹80 करोड़ रहा जो Year on Year के Base पर थोड़ा कम था, लेकिन ऑपरेटिंग मार्जिन स्थिर बना रहा। पॉजिटिव बात यह रही है कि कंपनी के EBITDA मार्जिन में सुधार देखा गया है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि Operational Efficiency पहले से बेहतर हो रही है। वहीं पिछले साल की तुलना में पब्लिक के बीच बिजली की डिमांड में वृद्धि और कोयले की उपलब्धता ने कंपनी को काफी सहारा दिया। लेकिन ब्याज की लागत और पुराने कर्ज का असर अभी भी मुनाफे पर भारी दिख रहा है, लेकिन कंपनी का रुख फॉरवर्ड-लुकिंग है।

4. ऑर्डर बुक और बिजनेस अपडेट

कंपनी के बिजनेस की बात करें तो JP Power ने हाल ही में अपने बिजनेस पोर्टफोलियो में कुछ अहम घोषणाएं की हैं। कंपनी को मध्य प्रदेश में 660 MW के थर्मल प्रोजेक्ट के विस्तार की मंजूरी मिली है जो की एक पॉजिटिव न्यूज़ है। इसके अलावा, कंपनी ने अपनी कोल माइनिंग कैपेसिटी को भी बढ़ाने की दिशा में कदम उठाया है, जिससे फ्यूल सिक्योरिटी मजबूत होगी। एनर्जी सेक्टर में बढ़ती हुई डिमांड को देखने के बाद कंपनी ने भविष्य की जरूरतों के लिए लॉन्ग टर्म कोल सप्लाई एग्रीमेंट भी साइन किए हैं। ये सभी अपडेट यह दर्शाते हैं कि भविष्य में कंपनी केवल पावर जेनरेशन तक सीमित नहीं रहना चाहती, बल्कि पूरे वैल्यू चेन में अपनी पकड़ बना रही है। इससे ग्रोथ पोटेंशियल काफी मजबूत हो रही है।

5. बैलेंस शीट और फाइनेंशियल स्ट्रेंथ

पहले कंपनी के ऊपर बहुत सारा खर्च था, लेकिन
पिछले कुछ वर्षों में JP Power ने अपने डेब्ट-टू-इक्विटी रेशियो को धीरे-धीरे बेहतर कर लिया है। हालांकि कंपनी की मौजूदा स्थिति पर बात करें तो कंपनी पर अभी भी करीब ₹10,000 करोड़ का कर्ज है, लेकिन रेगुलर रीपेमेंट और ऑपरेटिंग इनकम में सुधार इसे मैनेजेबल बना रहा है। ROE लगभग 7.5% और ROCE 9% के आसपास है, जो इंडस्ट्री के लिहाज से औसत माने जा सकते हैं। कंपनी का फ्री कैश फ्लो धीरे-धीरे पॉजिटिव जोन में आ रहा है, जिससे वित्तीय स्थिति में स्थिरता का संकेत मिलता है। अगर अगर यही ट्रेंड जारी रहा, तो आने वाले टाइम पर कर्ज खत्म हो सकता है और कंपनी फाइनेंशियली मजबूत बन सकती है। यह निवेशकों के लिए अधिक भरोसेमंद साबित हो सकती है।

 

6. शेयर का लॉन्ग टर्म परफॉर्मेंस

पिछले 5 सालों में JP Power के स्टॉक का सफर उतार-चढ़ाव से भरा रहा है। 2020 कोरोना काल में जहां शेयर ₹1.80 तक गिर गया था, वहीं कंपनी का कर्ज कम होते देख और फंडामेंटल्स मजबूत होते देख निवेशकों द्वारा निवेश करने के बाद 2023-24 में यह ₹19 के पार चला गया – अगर इसका अनुमान लगाए तो यह लगभग 10 गुना का रिटर्न बनता है। इस उछाल की वजह कंपनी के ऑपरेशन में सुधार, पॉजिटिव नतीजों और मार्केट सेंटीमेंट की वजह है। हालांकि बीच में शेयर प्राइस में करेक्शन भी देखने को मिला, लेकिन लॉन्ग टर्म निवेशकों को अच्छा रिटर्न मिला। यह प्रदर्शन बताता है कि कंपनी के शेयर में वोलाटिलिटी है, लेकिन जो धैर्य रखता है, उसे फायदा भी मिलता है। फंडामेंटल्स के सुधार और डेब्ट रिडक्शन के चलते आगे की राह और मजबूत दिख रही है।

7. 2030 तक का संभावित टारगेट प्राइस

अगर कंपनी आने वाली टाइम में भी पिछले 5 साल की तरह परफॉर्मेंस करती है तो 2030 तक JP Power का टारगेट प्राइस 40 से 60 रुपए के बीच हो सकता है, लेकिन अगर कंपनी अपनी ग्रोथ स्ट्रैटेजी और फाइनेंशियल रीस्ट्रक्चरिंग को सही ढंग से लागू करे। बहुत सारे एक्सपर्ट्स का मानना हैं कि अगर कंपनी कर्ज कम करने और ऑपरेटिंग मार्जिन बढ़ाने पर फोकस रखती है, तो यह टारगेट संभव है। पावर सेक्टर में ग्रीन एनर्जी और हाइड्रो प्रोजेक्ट्स की ओर झुकाव भी कंपनी के पक्ष में जा सकता है। हालांकि जय निवेश करने की सलाह नहीं है क्योंकि यह एक हाई रिस्क हाई रिवार्ड स्टॉक माना जाता है, लेकिन सही मौके पर निवेश और समय के साथ धैर्य रखने वाले निवेशकों को यह स्टॉक 2030 तक शानदार रिटर्न दे सकता है।

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8. क्या अभी निवेश करना चाहिए?

JP Power एक ऐसा पैनी स्टॉक है जिसमें ग्रोथ की संभावना नजर आ रही है, लेकिन इसमे जोखिम भी कम नहीं है। कंपनी की बैलेंस शीट पर अभी भी बहुत कर्ज (10,000 करोड़) है, और एनर्जी सेक्टर की रेगुलेटरी चुनौतियां भी हैं। मगर साथ ही यह भी सच है कि पावर सेक्टर भारत में तेजी से ग्रो हो रहा है, और कंपनी की ऑर्डर बुक मजबूत होती जा रही है। यदि आप लॉन्ग टर्म निवेशक हैं और रिस्क को झेल सकते हैं, तो इस स्टॉक को अपने पोर्टफोलियो का 1% के तौर पर रख सकते है। लेकिन शॉर्ट टर्म में भारी निवेश से बचना बेहतर होगा — सोच-समझकर कदम उठाएं।

 

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